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भावार्थ – श्री सनक, सनातन, सनन्दन, सनत्कुमार आदि मुनिगण, ब्रह्मा आदि देवगण, नारद, सरस्वती, शेषनाग, यमराज, कुबेर तथा समस्त दिक्पाल भी जब आपका यश कहने में असमर्थ हैं तो फिर (सांसारिक) विद्वान् तथा कवि उसे कैसे कह सकते हैं? अर्थात् आपका यश अवर्णनीय है।

भावार्थ – वीर हनुमान जी का निरन्तर जप करने से वे रोगों का नाश करते हैं तथा सभी पीड़ाओं का हरण करते हैं।

బల బుద్ధి విద్యా దేహు మోహి హరహు కలేశ వికార ॥

পবন নন্দন সংকট হরন মঙ্গল মূর্তি রূপ। শ্রী রাম লক্ষণ জনপ্রিয় একজন তুমি হৃদয়ের ভূপ।।

শ্রী রামের প্রতি প্রেমভক্তি আপনার ভান্ডারে বিদ্যমান। হে রঘুপতি দাস মহাবীর হনুমান আপনি সর্বদা আমার নিকট থাকুন।

রাম লখন সীতা সহিত – হৃদয বসহু সুরভূপ্

आप सुखनिधान हैं तथा सभी सुख आपकी कृपा से सुलभ हैं। यहाँ सभी सुख का तात्पर्य आत्यन्तिक सुख तथा परम सुख से है। परमात्म प्रभु की शरण में जाने पर सदैव के लिये दुःखों से छुटकारा मिल जाता है तथा शाश्वत शान्ति प्राप्त होती है।

व्याख्या— रुद्रावतार होने के कारण समस्त प्रकार की सिद्धियाँ एवं निधियाँ श्री हनुमान जी को जन्म से ही प्राप्त थीं। उन सिद्धियों एवं निधियों को दूसरों को प्रदान करने की शक्ति माँ जानकी के आशीर्वाद से प्राप्त read more हुई।

চালিশা পাঠের আগে নিশ্চিত হতে হবে যে আপনি শুদ্ধ এবং অপমান্যতা-মুক্ত অবস্থায় আছেন।

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Janama janamaJanama janamaBirth soon after start keKeOf dukhaDukhaUnhappiness / ache bisarāvaiBisarāvaiRemove / still left at the rear of Indicating: By singing your praise, 1 finds Lord Rama and escapes from discomfort/unhappiness in plenty of life.

भावार्थ– आप साधु–संत की रक्षा करने वाले हैं, राक्षसों का संहार करने वाले हैं और श्री राम जी के अति प्रिय हैं।

రామాయణ మహామాలా రత్నం వందే-(అ)నిలాత్మజమ్ ॥

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